प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने रचा नया इतिहास

भोपाल
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के मार्गदर्शन में खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। वित्त वर्ष 2024-25 में खादी और ग्रामोद्योग का कुल कारोबार ₹1,70,551.37 करोड़ के आंकड़े को पार कर गया है। यह स्वतंत्र भारत के इतिहास में अब तक का सर्वाधिक कारोबार है। केवीआईसी के अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने नई दिल्ली स्थित राजघाट कार्यालय में वित्तीय वर्ष 2024-25 के अनंतिम आंकड़े जारी करते हुए यह जानकारी दी।

उत्पादन और बिक्री में अभूतपूर्व वृद्धि
केवीआईसी के अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने बताया कि वर्ष 2013-14 की तुलना में बीते 11 वर्षों में खादी और ग्रामोद्योग के उत्पादन में 347% और बिक्री में 447% की वृद्धि हुई है। उत्पादन ₹26,109.07 करोड़ से बढ़कर ₹1,16,599.75 करोड़ तक पहुंचा, जबकि बिक्री ₹31,154.19 करोड़ से बढ़कर ₹1,70,551.37 करोड़ हो गई। इस प्रगति के साथ खादी और ग्रामोद्योग ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने में एक नया अध्याय रचा है।

रोजगार सृजन में 49.23% की वृद्धि
केवीआईसी ने ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों को बढ़ाने की दिशा में भी उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की है। वर्ष 2013-14 में जहां संचयी रोजगार 1.30 करोड़ था, वहीं 2024-25 में यह आंकड़ा 1.94 करोड़ तक पहुंच गया, जो कि 49.23% की वृद्धि को दर्शाता है। यह उपलब्धि आत्मनिर्भर ग्रामीण भारत के निर्माण की दिशा में एक अहम कदम है।

खादी वस्त्र उत्पादन और बिक्री में ऐतिहासिक उछाल
खादी वस्त्रों के उत्पादन और बिक्री में भी शानदार वृद्धि दर्ज की गई है। उत्पादन ₹811.08 करोड़ से बढ़कर ₹3,783.36 करोड़ (366% वृद्धि) और बिक्री ₹1,081.04 करोड़ से बढ़कर ₹7,145.61 करोड़ (561% वृद्धि) तक पहुंची है। यह बढ़ोतरी प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा खादी को जनआंदोलन में बदलने की अपील और प्रचार के प्रभाव को स्पष्ट रूप से दर्शाती है।

खादी ग्रामोद्योग भवन ने बनाया नया रिकॉर्ड
नई दिल्ली स्थित खादी ग्रामोद्योग भवन ने भी पहली बार ₹110.01 करोड़ का कारोबार किया है, जो वर्ष 2013-14 में ₹51.02 करोड़ था। इसमें 115% की वृद्धि दर्ज की गई है, जो शहरी उपभोक्ताओं के बीच खादी के प्रति बढ़ते रुझान को दर्शाता है।

पीएमईजीपी के माध्यम से 90 लाख से अधिक लोगों को रोजगार
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) योजना के तहत अब तक 10.18 लाख इकाइयों की स्थापना हो चुकी है। इन इकाइयों के लिए ₹27,166.07 करोड़ की मार्जिन मनी सब्सिडी वितरित की गई है और इससे 90,04,541 लोगों को रोजगार उपलब्ध हुआ है। यह योजना ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में स्वरोजगार को बढ़ावा देने में सहायक रही है।

ग्रामोद्योग विकास योजना से ग्रामीण भारत को बल
ग्रामोद्योग विकास योजना के तहत अब तक कुल 2,87,752 मशीनें, उपकरण और टूलकिट वितरित किए गए हैं। इसमें मधुमक्खी पालन बॉक्स, विद्युत चालित चाक, अगरबत्ती निर्माण मशीन, फुटवियर टूलकिट, सिलाई व मरम्मत टूल्स शामिल हैं। वर्ष 2025-26 के लिए इस योजना का बजट बढ़ाकर ₹60 करोड़ कर दिया गया है, जो वर्ष 2021-22 की तुलना में 134% अधिक है।

महिला सशक्तिकरण में केवीआईसी की अहम भूमिका
महिलाओं को स्वरोजगार और प्रशिक्षण से जोड़ने के क्षेत्र में भी केवीआईसी ने उल्लेखनीय कार्य किया है। बीते 10 वर्षों में 7,43,904 लोगों को प्रशिक्षण दिया गया, जिनमें से 57.45% महिलाएं हैं। इसके अलावा, 5 लाख से अधिक खादी कारीगरों में 80% महिलाएं कार्यरत हैं। पारिश्रमिक में 275% और पिछले तीन वर्षों में 100% तक की वृद्धि कर महिलाओं की आर्थिक स्थिति को सशक्त किया गया है।

‘विकसित भारत @2047’ के संकल्प की ओर मजबूत कदम
अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने इस सफलता का श्रेय पूज्य बापू की प्रेरणा, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी, एमएसएमई मंत्रालय के सहयोग और देशभर के करोड़ों कारीगरों की मेहनत को दिया है। उन्होंने कहा कि केवीआईसी की यह ऐतिहासिक उपलब्धियाँ भारत को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प को मजबूती देती हैं।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button