मुख्‍यमंत्री डॉ. यादव करेंगे डायल 112 का फ्लैग ऑफ

भोपाल 
मुख्‍यमंत्री डॉ. मोहन यादव मध्‍यप्रदेश पुलिस द्वारा प्रदेश की नवीन आपातकालीन सेवा डायल 112 का शुभारंभ आज दोपहर 12:20 बजे कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्‍ट्रीय कन्‍वेंशन सेंटर भोपाल में करेंगे। कार्यक्रम में पुलिस महानिदेशक श्री कैलाश मकवाणा भी उपस्थित रहेंगे।

अतिरिक्‍त पुलिस महानिदेशक रेडियो/दूरसंचार श्री संजीव शमी ने बताया कि जन-सुरक्षा की दिशा में ऐतिहासिक बदलाव लाते हुए, मध्यप्रदेश में डायल-100 की गौरवशाली विरासत को आगे बढ़ाते हुए डायल-112 को एकीकृत, स्मार्ट और बहु-एजेंसी आपातकालीन प्रतिक्रिया सेवा के रूप में स्थापित किया जा रहा है। बढ़ती आवश्यकताओं और बहु-एजेंसी समन्वय को देखते हुए, डायल-112 सेवा शुरू की जा रही है। अब पुलिस (100), स्वास्थ्य/एम्बुलेंस (108), अग्निशमन (101), महिला हेल्पलाइन (1090), साइबर क्राइम (1930), रेल मदद (139), हाईवे एक्सिडेंट रिस्पॉन्स (1099), प्राकृतिक आपदा (1079) और महिला एवं चाइल्ड हेल्पलाइन (181, 1098) जैसी सभी सेवाएं एक ही नंबर 112 से उपलब्ध होंगी।

तेजी से बदलते तकनीकी परिदृश्य और सेवा गुणवत्ता की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, डायल-112 को अधिक कुशल, बुद्धिमान और नागरिक-जागरूक प्रणाली के रूप में पुनः डिज़ाइन किया गया है। नई तकनीकों—डेटा एनालिटिक्स, रीयल-टाइम लोकेशन ट्रैकिंग और IoT के साथ डायल-112 अब सिर्फ प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि खतरे का पूर्वानुमान कर नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में भी सक्षम है।

नई डायल-112 प्रणाली की प्रमुख विशेषताएं
1. प्रत्येक शिफ्ट में 100 एजेंट की क्षमता वाला नया कॉन्टैक्ट सेंटर, जिसमें 40 सीटों का डिस्पैच यूनिट है।
2. PRI लाइनों से SIP आधारित ट्रंक लाइन पर माइग्रेशन, जिससे 112 पर कॉल एक्सेस अधिक सहज हो।
3. उन्नत बिज़नेस इंटेलिजेंस (BI) और MIS रिपोर्टिंग टूल्स।
4. नागरिकों और FRV के बीच संपर्क को बेहतर बनाते हुए गोपनीयता बनाए रखने हेतु नंबर मास्किंग समाधान।
5. FRV के रख-रखाव को ट्रैक करने हेतु समग्र फ्लीट मैनेजमेंट सॉफ़्टवेयर।
6. चैटबॉट जैसे नॉन-वॉयस माध्यमों द्वारा नागरिकों से संवाद और शिकायतों की ट्रैकिंग।
7. नागरिकों और पुलिस अधिकारियों के लिए विशेष मोबाइल ऐप्स।
8. ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट सिस्टम (HRMS) सॉफ़्टवेयर, बायोमेट्रिक उपस्थिति के साथ।
9. पारदर्शिता के लिए FRVs में डैशबोर्ड कैमरा और बॉडी वॉर्न कैमरा की व्यवस्था।

मध्य प्रदेश में डायल-112 सेवा (पूर्व में डायल-100 सेवा)
मध्यप्रदेश में 1 नवम्बर 2015 को शुरू हुई डायल-100 भारत की पहली केंद्रीकृत, राज्य-व्यापी पुलिस आपातकालीन प्रतिक्रिया सेवा थी। इसने शहरी और ग्रामीण—दोनों क्षेत्रों में त्वरित, तकनीक-सक्षम सहायता उपलब्ध कराते हुए जन-सुरक्षा में नया मानक स्थापित किया। इस प्रणाली का संचालन भोपाल स्थित अत्याधुनिक सेंट्रल कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से किया गया। नागरिक टोल-फ्री नंबर 100 पर कॉल करते थे, जहां प्रशिक्षित कॉल-टेकर कंप्यूटर-सहायता प्राप्त डिस्पैच सॉफ़्टवेयर के माध्यम से निकटतम उपलब्ध डायल-100 (FRV) की पहचान कर तुरंत रवाना करते थे। इसमें 1,000 जीपीएस-सक्षम चार-पहिया FRV और 150 दो-पहिया इकाइयाँ शामिल थीं, जिन्हें मोबाइल फोन और मोबाइल डेटा टर्मिनल (MDT) से लैस किया गया था। डायल-100 कॉल सेंटर में आपात स्थिति में कॉलर की लोकेशन ट्रेस करने के लिए लोकेशन बेस्ड सिस्टम (LBS) स्थापित है। पुलिस के ये इमरजेंसी वाहन अतिशीघ्र सहायता स्थल तक पहुंचते हैं, जिससे न्याय को जन-जन के द्वार तक पहुंचाने का संकल्प डायल-100/112 के माध्यम से सार्थक हो रहा है।

डायल-100 द्वारा आपातकालीन सहायता में रिकॉर्ड उपलब्धियां (विगत दस वर्षों में )
डायल-100 सेवा के आरंभ होने से लेकर जून-2025 तक कुल 8 करोड़ 99 लाख 04 हजार 390 कॉल प्राप्त हुये, जिनमें से 2 करोड़ 07 लाख 91 हजार 177 कार्यवाही लायक कॉल थे। इनमें से 1 करोड़ 97 लाख 02 हजार 536 पर डायल 100 द्वारा जनता को मदद पहुंचाई गयी।

    वरिष्ठ नागरिकों को सहायता – 2,23,288
    महिला सुरक्षा हेतु त्वरित प्रतिक्रिया – 19,71,396
    परित्यक्त नवजात शिशुओं का बचाव – 1,300
    सड़क दुर्घटनाओं में जीवन दायनी सहायता – 12,48,621
    लापता बच्चों की रिपोर्टिंग और खोज – 27,112
    आत्महत्या और अवसाद से जुड़ी घटनाओं में समय रहते प्रतिक्रिया – 2,64,347

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button