डोनेट्स्क का खजाना बना रहस्य, रूस-यूक्रेन आमने-सामने, ट्रंप भी पड़े दुविधा में

अलास्का 
अलास्का में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच ऐतिहासिक मुलाकात हुई। मामले की जानकारी रखने वालों का कहना है कि मीटिंग में पुतिन ट्रंप पर भारी पड़े। ट्रंप जिस सीजफायर मुद्दे को लेकर अलास्का पहुंचे थे, पुतिन ने मुद्दे को शांति समझौते पर केंद्रित कर दिया। हैरानी की बात यह है कि दुनिया को अपनी अकड़ दिखाने वाले ट्रंप भी इस पर राजी हो गए। पुतिन से मुलाकात के बाद ट्रंप ने यूक्रेन के प्रेजिडेंट वोलोदिमीर जेलेंस्की को सलाह दी कि रूस शांति समझौते के लिए तैयार है, लेकिन उसे पूर्वी यूक्रेन के शहर डोनेट्स्क पर पूरा कब्जा चाहिए। जोर दिया कि रूस बहुत बड़ी ताकत है, इसलिए यूक्रेन को झुकना ही होगा।

यहां यह गौर करने वाली बात है कि तीन साल से अधिक समय से चल रहे इस भीषण संग्राम में रूस की ताकतवर सेना डोनेट्स्क पर पूरा नियंत्रण हासिल नहीं कर पाई है। हालांकि रूस ने डोनेट्स्क के तीन चौथाई हिस्से पर कब्जा जरूर कर लिया है, लेकिन पूरा कब्जा बाकी है। यूक्रेन के लिए डोनेट्स्क काफी अहम शहर है।
रूस बहुत बड़ी ताकत, यूक्रेन को झुकना ही होगा

ट्रंप ने शनिवार को कहा कि यूक्रेन को रूस के साथ युद्ध खत्म करने के लिए समझौता करना चाहिए, क्योंकि "रूस बहुत बड़ी ताकत है, और यूक्रेन नहीं।" ट्रंप ने जेलेंस्की को बताया कि पुतिन ने शांति समझौते के बदले पूरे डोनेट्स्क इलाके की मांग की है। हालांकि जेलेंस्की ने यह प्रस्ताव ठुकरा दिया। रूस पहले ही यूक्रेन के लगभग पांचवें हिस्से पर कब्जा कर चुका है, जिसमें डोनेट्स्क का करीब तीन-चौथाई हिस्सा शामिल है।

डोनेट्स्क क्यों अहम
डोनेट्स्क यूक्रेन का सबसे बड़ा औद्योगिक केंद्र है। यहां कोयला खदानें, इस्पात कारखाने, भारी मशीनरी और ऊर्जा संसाधन मौजूद हैं। इसे यूक्रेन की अर्थव्यवस्था की रीढ़ कहा जाता है। डोनेट्स्क पर नियंत्रण का मतलब है कि रूस पूर्वी यूक्रेन के बड़े हिस्से पर पकड़ मजबूत कर ले। यहां से रूस को क्राइमिया और रूस के बीच एक जमीनी कॉरिडोर बनाने का फायदा मिलेगा।

सीजफायर टूट सकता है, शांति समझौता सही विकल्प
ट्रंप ने कहा कि वे पुतिन से सहमत हैं कि सीज़फायर की बजाय सीधे शांति समझौता होना चाहिए। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा – “युद्ध को खत्म करने का सबसे अच्छा तरीका सीधा पीस एग्रीमेंट है, केवल सीज़फायर नहीं, जो अक्सर टिकते नहीं।” उधर, जेलेंस्की ने पलटवार करते हुए कहा कि जब तक लड़ाई नहीं रुकती, तब तक स्थायी शांति मुश्किल है। उन्होंने जोर देकर कहा – “हत्या रोकना ही युद्ध खत्म करने की पहली शर्त है।” सोमवार को जेलेंस्की ट्रंप से वॉशिंगटन में मुलाकात करेंगे। यूरोपीय नेताओं के भी बैठक में शामिल होने की संभावना है।

क्या मानेंगे जेलेंस्की
इस मीटिंग के बाद ट्रंप के बयान रूस के सार्वजनिक रुख के काफी करीब माने जा रहे हैं। पुतिन ने कहा कि यूक्रेन की सुरक्षा की गारंटी दी जानी चाहिए, हालांकि उन्होंने ज़ेलेंस्की से मुलाकात पर कोई टिप्पणी नहीं की। फॉक्स न्यूज़ को दिए इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा – “मुझे लगता है हम डील के काफी करीब हैं, लेकिन यूक्रेन को मानना होगा। शायद वे ‘ना’ कह दें। पर उन्हें डील करनी ही होगी। देखिए, रूस बहुत बड़ी ताकत है और यूक्रेन नहीं।”

यूरोपीय देशों ने ट्रंप के प्रयासों का स्वागत किया, लेकिन साफ कहा कि वे यूक्रेन का समर्थन जारी रखेंगे और रूस पर और प्रतिबंध लगाएंगे। उधर, ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने कहा कि ट्रंप की वजह से युद्ध खत्म करने की उम्मीद पहले से ज्यादा बढ़ी है, लेकिन अगर रूस हमला जारी रखता है तो नए प्रतिबंध लगाए जाएंगे।

 

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