राहु बनाता है जीवन नर्क! वास्तु की इन चूकों को अभी सुधारें

हिंदू धर्म और वास्तु शास्त्र में राहु को एक छाया ग्रह माना गया है जो यदि अशुभ हो जाए, तो व्यक्ति के जीवन में अनेक प्रकार की बाधाएं उत्पन्न करता है। राहु का प्रभाव अचानक होने वाली परेशानियों, मानसिक तनाव, भ्रम, धोखा, दुर्घटनाएं, और आर्थिक हानि के रूप में देखा जाता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु अशुभ स्थिति में हो या फिर उसके घर में वास्तु दोष हों, तो राहु का नकारात्मक असर और भी बढ़ जाता है। इस आर्टिकल में उन प्रमुख वास्तु दोषों की चर्चा करेंगे जिनके कारण राहु का प्रभाव जीवन में सक्रिय हो सकता है और व्यक्ति का जीवन अस्त-व्यस्त हो सकता है।

उत्तर-पश्चिम में गड़बड़ी
वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर-पश्चिम दिशा राहु की दिशा मानी जाती है। इस दिशा में अगर भारी सामान रखा गया हो, गंदगी हो, टॉयलेट बना हो या वहां का वेंटिलेशन खराब हो, तो राहु की ऊर्जा असंतुलित हो जाती है। इससे मानसिक अस्थिरता, निर्णय लेने में भ्रम, और पारिवारिक कलह की स्थिति बनती है। इस दिशा को हमेशा साफ-सुथरा और हल्का बनाए रखें। यहां हल्के रंग का प्रयोग करें।

मुख्य द्वार पर दोष
मुख्य द्वार को वास्तु में मुख्य ऊर्जा प्रवेश द्वार माना गया है। अगर मुख्य द्वार टूटा-फूटा, असंतुलित, या गलत दिशा में हो, तो राहु का प्रभाव बढ़ सकता है। विशेषकर यदि दरवाजा दक्षिण-पश्चिम या उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर खुलता है और साफ-सफाई नहीं है, तो नकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश करती है। इसको सही करने के लिए मुख्य द्वार पर स्वस्तिक, ओम या शुभ चिन्ह लगाएं। नियमित रूप से दरवाजे की सफाई करें।

बाथरूम और टॉयलेट का गलत स्थान
अगर टॉयलेट उत्तर-पूर्व या ब्रह्मस्थान में बना हो, तो यह बहुत ही अशुभ होता है और राहु को क्रोधित करता है। इससे व्यक्ति को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां, मानसिक तनाव और करियर में अड़चनें झेलनी पड़ सकती हैं। टॉयलेट का स्थान वास्तु अनुसार दक्षिण-पश्चिम या पश्चिम में रखें। अगर टॉयलेट गलत दिशा में है और बदलाव संभव नहीं है, तो वहां वास्तु दोष निवारक मिरर या क्रिस्टल बॉल लगवाएं।

ब्रह्मस्थान में भारी वस्तुएं रखना
ब्रह्मस्थान घर का केंद्र होता है और इसे खाली व ऊर्जावान रखना चाहिए। यदि इस स्थान पर भारी फर्नीचर, कबाड़, पानी की टंकी, या स्टोर बना दिया जाए, तो राहु का प्रभाव बढ़ता है और घर में बाधाएं आती हैं।

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