राजधानी में 25 अगस्त से गूंजेगी श्रीमद् भागवत कथा, आचार्य बांके बिहारी गोस्वामी करेंगे प्रवचन

रायपुर
शहर में 25 अगस्त से 1 सितंबर 2025 तक श्रीमद् भागवत सप्ताह कथा ज्ञानयज्ञ का भव्य आयोजन होने जा रहा है. यह कार्यक्रम रामस्वरूप निरंजनलाल भवन, वी.आई.पी. रोड, रायपुर में दोपहर 3 बजे से शाम 7 बजे तक चलेगा. इस कथा का आयोजन समस्त अग्रवाल परिवार (रायपुर और कटनी) द्वारा किया जा रहा है.
कथा का संचालन मथुरा के परमश्रद्धेय आचार्य बांके बिहारी गोस्वामी जी “बाँके बाबा” करेंगे. आचार्य जी अपनी ओजस्वी वाणी और रसमयी प्रवचन के माध्यम से भक्तों में भक्ति, ज्ञान और वैराग्य का संचार करेंगे. मथुरा में जन्मे आचार्य जी ने आगरा विश्वविद्यालय और वाराणसी से साहित्य में आचार्य की उपाधि प्राप्त की है. अपने पिता और गुरु, गोस्वामी गोविंद बाबा से गुरुदीक्षा लेकर उन्होंने पारंपरिक ज्ञान और भक्ति परंपरा को आगे बढ़ाया.
आचार्य जी अब तक 125 श्रीमद् भागवत कथाएं पूरी कर चुके हैं और चार बार अष्टोत्तर शत् (108) सप्ताह यज्ञ का आयोजन रायपुर, जगन्नाथ पुरी, रांची और जमनीपाली में भव्य रूप से कर चुके हैं. फरवरी 2025 में जमशेदपुर में पांचवां अष्टोत्तर शत् सप्ताह यज्ञ संपन्न हुआ. इसके अलावा उन्होंने लक्ष्य यज्ञ, विष्णु यज्ञ और शतचण्डी यज्ञ जैसे कई धार्मिक अनुष्ठान संपन्न किए हैं.
कथा का शुभारंभ 25 अगस्त को मंगल कलश और श्रीमद् भागवत जी की शोभायात्रा के साथ होगा. यह शोभायात्रा सुबह 9 बजे राम मंदिर, वी.आई.पी. रोड से कथा स्थल तक जाएगी. कथा के प्रत्येक दिन विभिन्न प्रसंग जैसे कपिल भगवान चरित्र, ध्रुव चरित्र, जड़ भरत कथा, नृसिंह अवतार, श्री कृष्ण जन्म, गोवर्धन पूजा, रुक्मिणी मंगल विवाह और सुदामा चरित्र आदि प्रस्तुत किए जाएंगे. अंतिम दिन 1 सितंबर को गीत पाठ, हवन और पूर्णाहुति के साथ कथा का समापन होगा.
आचार्य जी अपनी “कल्प वृक्ष चेरिटेबल गौ मानव सेवा ट्रस्ट” के माध्यम से समाज सेवा में भी सक्रिय हैं. वे गरीब बच्चों की शिक्षा, कन्या विवाह, गौ-सेवा, कुष्ठरोगियों की सहायता और कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ जनजागरण जैसे कार्यों में योगदान दे रहे हैं.
आयोजक परिवार में ओमप्रकाश नत्थुलाल अग्रवाल, राजेंद्र प्रसाद अग्रवाल, मुकुंद कुमार अग्रवाल, संतोष कुमार अग्रवाल, जितेंद्र कुमार अग्रवाल, अजय कुमार अग्रवाल और राजेश कुमार अग्रवाल शामिल हैं. सभी धर्मप्रेमी भक्तों से अनुरोध किया गया है कि वे इस सप्ताह कथा में शामिल होकर जीवन को कृतार्थ बनाएं.