देश के बड़े प्राइवेट बैंकों में शुमार ICICI बैंक ने FD और सेविंग अकाउंट दोनों पर ब्याज दरों में कटौती कर दी

नई दिल्ली
अगर आप ICICI बैंक में सेविंग अकाउंट या फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में पैसे जमा करके बेहतर ब्याज की उम्मीद कर रहे थे, तो यह खबर आपके लिए मायूसी भरी हो सकती है। देश के बड़े प्राइवेट बैंकों में शुमार ICICI बैंक ने FD और सेविंग अकाउंट दोनों पर ब्याज दरों में कटौती कर दी है।  ICICI ने फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में निवेश करने वालों को निराश करते हुए ब्याज दरों में कटौती का एलान किया है। यह फैसला ऐसे समय पर आया है जब हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट में कटौती की थी। इसके बाद पहले भारतीय स्टेट बैंक (SBI) और फिर HDFC बैंक ने भी जमा दरों में बदलाव किया और अब ICICI बैंक ने भी उसी दिशा में कदम बढ़ाया है।

 ICICI Bank ने अपनी कई FD योजनाओं पर ब्याज दरों में 0.25% से लेकर 0.50% तक की कमी की है। बैंक की यह नई दरें 17 अप्रैल से लागू हो गई हैं। ब्याज दरों में यह कटौती उन ग्राहकों को ज्यादा प्रभावित करेगी जिन्होंने कुछ समय के लिए एफडी में निवेश कर रखा है या करने का विचार कर रहे हैं। नए बदलाव के बाद अब बैंक सामान्य ग्राहकों को फिक्स्ड डिपॉजिट पर 3 प्रतिशत से लेकर अधिकतम 7.05 प्रतिशत तक का ब्याज दे रहा है, जबकि वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज दरें 3.5 प्रतिशत से शुरू होकर 7.55 प्रतिशत तक जाती हैं। 7.25 प्रतिशत और वरिष्ठ नागरिकों को 7.85 प्रतिशत ब्याज मिलता था, जिसे अब घटा दिया गया है।

सबसे ज्यादा असर 30 से 45 दिन की छोटी अवधि वाली एफडी योजनाओं पर पड़ा है। पहले इस अवधि के लिए ब्याज दर 3.50 प्रतिशत थी, जो अब घटकर सिर्फ 3.00 प्रतिशत रह गई है। इसी तरह, 61 से 90 दिनों की जमा योजना पर ब्याज दर 4.5 प्रतिशत से घटाकर 4.25 प्रतिशत कर दी गई है। बैंक ने 18 महीने से दो साल तक की एफडी के लिए भी ब्याज दर में 0.20 प्रतिशत की कमी की है, जो अब 7.05 प्रतिशत रह गई है।

यह बदलाव ऐसे समय में आया है जब निवेशक सुरक्षित विकल्पों की तलाश कर रहे हैं और एफडी पारंपरिक रूप से भरोसेमंद निवेश साधन मानी जाती रही है। हालांकि अब कम ब्याज दरों के चलते लोग एफडी की जगह अन्य विकल्पों की ओर रुख कर सकते हैं, खासकर वे जो बेहतर रिटर्न चाहते हैं।

वरिष्ठ नागरिकों को भले ही कुछ ज्यादा ब्याज मिल रहा हो, लेकिन पहले की तुलना में उनके लिए भी रिटर्न में कटौती महसूस की जा सकती है। ऐसे में नए निवेशकों के लिए यह जरूरी हो जाता है कि वे बैंक दरों की तुलना करें और यह तय करें कि वर्तमान ब्याज दरों पर एफडी करना वाकई फायदेमंद है या नहीं।

 

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