‘भारत एक बूंद पानी नहीं छीन सकता…’ : मुनीर-भुट्टो के बाद PAK पीएम शहबाज शरीफ की नई धमकी

कराची
सिंधु जल समझौता अस्थायी रूप से स्थगित होने के बाद से पाकिस्तान बूंद-बूंद पानी के लिए तड़प रहा है. पाकिस्तान की बौखलाहट अब खुलकर सामने आ रही है. पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी और पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के बाद अब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी पानी को लेकर भारत को गीदड़भभकी दी है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के हक के पानी की एक भी बूंद भारत नहीं छीन पाएगा.
वहीं दूसरी ओर भारत ने चिनाब नदी पर नेशनल हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट शुरू कर दिया है. यह प्रोजेक्ट जम्मू कश्मीर के सिंधु गांव के पास बनना है और इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू हो गई है. भारत के इस कदम से पाकिस्तान को डर है कि भारत उसका पानी रोक देगा. इसी डर के कारण पाकिस्तान ने परमाणु बम की धमकियां देना शुरू कर दिया है.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने क्या कहा?
इस्लामाबाद में आयोजित एक कार्यक्रम में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि उनका देश भारत को उसके हक का 'एक बूंद' पानी भी छिनने नहीं देगा. वे नदी के प्रवाह को रोकने की कोशिश न करें.
उन्होंने कहा, 'मैं आज दुश्मन को बता देना चाहता हूं कि अगर वह पानी को रोकने की धमकी देता है तो याद रखना पाकिस्तान का एक भी बूंद पानी छीना नहीं जा सकता है. अगर ऐसे करने की कोशिश की तो याद रखना सबक सिखाया जाएगा और कान पकड़ने के लिए मजबूर हो जाओगे.'
सिंधु जल समझौते पर रोक
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी घटना के बाद भारत सरकार ने सिंधु जल समझौते पर औपचारिक रूप से रोक लगा दी थी. कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक में इसे रद्द करने का फैसला लिया गया था. इसका उद्देश्य साफ था कि पाकिस्तान को आतंकवाद का संरक्षण देने के लिए सबक सिखाया जाए.
भारत ने पहले भी इस समझौते की शर्तों पर पुनर्विचार करने और संशोधन करने की मांग की थी, हालांकि पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान इसमें सहयोग नहीं कर रहा था.
भारत का यह फैसला पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका रहा. क्योंकि पाकिस्तान की सिंचाई, कृषि और बिजली उत्पादन सतलज, ब्यास, रावी नदियों के पानी से होता है.
बिलावल भुट्टो बोले – पीछे नहीं हटेगा पाकिस्तान
पूर्व विदेश मंत्री और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो ने भी सिंधु जल समझौते को रद्द करने के फैसले के ख़िलाफ जहर उगला है. भुट्टो ने निलंबन के फैसले को सिंधु घाटी सभ्यता और संस्कृति पर हमला बताया है.
भुट्टो ने गीदड़भभकी देते हुए कहा कि अगर युद्ध हुआ तो हम झुकेंगे नहीं और सिंधु पर अतिक्रमण करने की हिम्मत की तो पाकिस्तान के लोग आपका मुकाबला करने के लिए तैयार हैं. मैंने पूरी दुनिया तक पैगाम पहुंचाया कि सिंधु जल समझौते पर भारत ने एकतरफा फैसला लिया है. पाकिस्तान और भारत की आवाम भी इस फैसले को गलत मानती है.
जब तिलमिलाया PAK सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर
इससे पहले पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने अपने अमेरिका दौरे के दौरान सिंधु जल समझौते पर बयान दिया था. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मुनीर ने कहा था कि अगर भारत सिंधु नदी पर डैम बनाता है तो उसे बनाने देंगे. जब तक डैम बनने का काम पूरा होगा तब तक हम इंतज़ार करेंगे और भारत जब ऐसा कर लेगा तो मिसाइल मारकर उसे गिरा देंगे.
सेना प्रमुख जनरल मुनीर ने कहा कि भारत का एकतरफा फैसले ने पाकिस्तान के 25 करोड़ लोगों को भुखमरी की ओर ढकेल दिया है. सिंधु नदी भारत की पारिवारिक संपत्ति नहीं है. पाकिस्तान परमाणु संपन्न देश है. हमारे पास मिसाइलों की कमी नहीं है. अगर हमें लगता है कि हम डूब रहे हैं तो आधी दुनिया को साथ ले डूबेंगे.
पाकिस्तान के लिए सिंधु जल समझौता रद्द होने के मायने क्या हैं?
पाकिस्तान का ज़रूरत का अधिकांश पानी भारत की नदियों से बहकर आता है. सिंधु, झेलम, और चिनाब जैसे नदियों से पाकिस्तान का 80 फीसदी सिंचाई और कृषि उत्पादन निर्भर करता है. पाकिस्तान की 70 फीसदी पानी की जरूरतें भी यही नदियां करती हैं. ख़रीफ़ और रबी सीज़न के दौरान पानी की बुवाई-कटाई के दौरान सबसे ज्यादा ज़रूरत होती है. अगर ऐसे समय भारत पानी रोक देगा तो पाकिस्तान में पानी की किल्लत हो जाएगी. वहां के लाखों किसानों की आजीविका खत्म हो जाएगा. पाकिस्तान में भुखमरी छा जाएगी.
खेती के अलावा पाकिस्तान में पेयजल का भी संकट झा जाएगा. उनके प्रमुख शहर जैसे – लाहौर, कराची और इस्लामाबाद की पानी की जरूरतों को भी इन्हीं से पूरा किया जाता है. पानी के किल्लत से वहां का टेक्सटाइल उद्योग बुरी तरह से प्रभावित होगा. पाक का कुल निर्यात का 60 फीसदी इसी सेक्टर से होता है.
पानी के रोक से बिजली की भी किल्लत हो जाएगा. उनके ऊर्जा उत्पादन पर इसका गंभीर असर पड़ेगा. पड़ोसी मुल्क की 33 फीसदी ऊर्जा हाइड्रोपावर के ज़रिए आपूर्ती की जाती है.
सिंधु जल संधि और विवाद
1960 की सिंधु जल संधि में भारत को रावी, व्यास और सतलुज नदियों का नियंत्रण मिला था, जबकि सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों का नियंत्रण पाकिस्तान को दिया गया.
हाल में भारत ने यह संधि स्थगित कर दी और झेलम नदी पर जलविद्युत परियोजना शुरू करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी. यही बात पाकिस्तान को खटक रही है और वह डर के मारे एटम बम की धमकी दे रहा है.
मौजूदा हालात
रिपोर्ट है कि पाकिस्तान ने इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग के कर्मचारियों के पानी और गैस की सप्लाई रोकने की कोशिश की है. यदि पाकिस्तान ने अपनी हरकतें नहीं रोकीं, तो भारत की सेना और सरकार कड़े कदम उठा सकती हैं.
गिड़गिड़ा रहा पाकिस्तान
पाकिस्तान पानी के मुद्दे पर युद्ध की धमकी दे रहा है, लेकिन असल में वह भारत के सामने संधि बहाल करने की अपील भी कर रहा है. भारत अपने हितों को देखते हुए सावधानी से कदम बढ़ा रहा है और हर परिस्थिति के लिए तैयार है.