कैबिनेट की मंजूरी से लखनऊ मेट्रो रेल प्रोजेक्ट का विस्तार, 5,801 करोड़ रुपए का होगा निवेश

नई दिल्ली 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश में लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना के चरण-1बी को मंजूरी दे दी है। इसमें करीब 12 स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा और लागत 5,801 करोड़ रुपए आएगी। सरकार द्वारा जारी बयान के मुताबिक, इस परियोजना का कॉरिडोर 11.165 किलोमीटर लंबा होगा और इसमें 7 भूमिगत और 5 एलिवेटेड स्टेशनों को मिलाकर कुल 12 स्टेशन होंगे। चरण-1बी के चालू होने पर, लखनऊ शहर में 34 किलोमीटर का मेट्रो रेल नेटवर्क संचा‍लित होगा।

बयान में आगे कहा गया कि इससे शहर के सबसे पुराने और सबसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन में महत्वपूर्ण सुधार होगा, जहां वर्तमान में अच्छी कनेक्टिविटी का अभाव है। इस परियोजना से अमीनाबाद, यहियागंज, पांडेयगंज और चौक जैसे व्यावसायिक केंद्र, किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी जैसे मेडिकल कॉलेज और पर्यटन के मुख्य केंद्र जैसे बड़ा इमामबाड़ा, छोटा इमामबाड़ा, भूल-भुलैया, घंटाघर और रूमी दरवाजा आदि जुड़ेंगे।

सरकार ने आगे कहा कि इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों को मेट्रो नेटवर्क से जोड़कर, चरण-1बी न केवल कनेक्टिविटी बढ़ाएगा, बल्कि आर्थिक गतिविधियों, पर्यटन को भी बढ़ावा देगा और निवासियों और आगंतुकों दोनों के लिए शहरी आवागमन को आसान बनाएगा।
सरकार के मुताबिक, लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना में चरण-1बी के जुड़ने और शहर में समग्र मेट्रो रेल नेटवर्क में वृद्धि से पारंपरिक जीवाश्म ईंधन आधारित परिवहन की तुलना में कार्बन उत्सर्जन में काफी कमी आएगी।

इसके साथ ही, यात्रा का समय कम होने और शहर के विभिन्न हिस्सों जैसे हवाई अड्डे, रेलवे स्टेशनों और बस डिपो तक बेहतर पहुंच से लोगों को अपने कार्यस्थलों और गंतव्यों तक अधिक कुशलता से पहुंचने में मदद मिलेगी, जिससे उत्पादकता में वृद्धि हो सकती है। वहीं, नए मेट्रो स्टेशनों के आसपास के क्षेत्रों में बेहतर कनेक्टिविटी स्थानीय व्यवसायों को बढ़ावा दे सकती है, जिससे कम पहुंच वाले क्षेत्रों में निवेश और विकास को भी आकर्षित किया जा सकता है।

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