मास्टर जी का बड़ा कारनामा: एमपी और छत्तीसगढ़ दोनों जगह निकाल रहे सरकारी वेतन

सूरजपुर
जिले के दूरस्थ ओड़गी विकासखंड के बिहारपुर स्थित स्वामी आत्मानन्द उत्कृष्ट हिंदी व अंग्रेजी माध्यम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में पदस्थ सामाजिक विज्ञान विषय के व्याख्याता राजेश कुमार वैश्य के इस विद्यालय के अलावा सरहदी राज्य मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिला स्थित ग्राम मकरोहर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में भी पदस्थ रहने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। दो राज्यों की स्कूल में सेवाएं देने की बात सामने आने जिला शिक्षा अधिकारी के निर्देश पर जांच शुरू कर दी गई है। बिहारपुर चांदनी के स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी एवं हिन्दी माध्यम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में सामाजिक विज्ञान के व्याख्याता राजेश कुमार वैश्य सरहदी राज्य मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिलान्तर्गत मकरोहर गांव के निवासी है। वे वहीं शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में पदस्थ भी हैं। इसके साथ ही वे बिहारपुर स्थित स्वामी आत्मानन्द हिंदी व अंग्रेजी माध्यम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में भी सामाजिक विज्ञान विषय के व्याख्याता के पद पर भी पदस्थ हैं। वे इस विद्यालय में जानकारी छिपाकर नवंबर 2022 से पदस्थ है।
 
बनाया दोनों राज्यों का निवास प्रमाण पत्र
बता दें कि ग्राम मकरोहर मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले का अंतिम गांव है और जिले के बिहारपुर से लगा हुआ है। मकरोहर के ग्रामीण अपनी दैनिक जरूरतों के सामानों की खरीदी करने अक्सर बिहारपुर आते जाते रहते हैं। इसी का फायदा उठाते हुए मकरोहर निवासी राजेश कुमार वैश्य ने अपनी पहुंच से ग्राम मकरोहर मध्यप्रदेश के साथ ही छत्तीसगढ़ के बिहारपुर तहसील का निवास प्रमाण पत्र हासिल कर लिया है। मकरोहर मध्यप्रदेश में शिक्षक पद पर नौकरी करते हुए नवंबर 2022 से बिहारपुर स्थित स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी एवं हिन्दी माध्यम विद्यालय में भी पदस्थ है। जानकारी के मुताबिक ग्राम मकरोहर स्थित हायर सेकेण्डरी स्कूल का संचालन सुबह 10.30 से शाम 4 बजे तक होता है। वहीं बिहारपुर स्थित स्वामी आत्मानंद स्कूल का संचालन दो पालियों में होता है। प्रथम पाली में सुबह 8 बजे से 11.45 बजे तक संचालित होती है।
 
दोनों स्कूलों में हाजिरी लगाता है शिक्षक
ग्रामीणों का कहना है कि वह सुबह 8 बजे स्वामी आत्मानंद स्कूल में उपस्थित होता है। दोपहर ग्राम मकरोहर स्थित हायर सेकेण्डरी स्कूल में उपस्थित होता है और उपस्थिति पंजी में अपनी हाजिरी भी दर्ज करता है। स्थानीय होने के कारण प्राचार्य सहित स्कूल के अन्य शिक्षक चुप्पी साधे रहते हैं।

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