अमित शाह की मौजूदगी में सांची और NDDB के बीच हुआ MOU, किसानों की आमदनी सीधे खातों में ट्रांसफर होगी

भोपाल
मध्यप्रदेश में सहकारिता क्षेत्र को सशक्त बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की उपस्थिति में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड, मध्यप्रदेश डेयरी फेडरेशन और दुग्ध संघ के बीच महत्वपूर्ण अनुबंधों का आदान-प्रदान हुआ। इस मौके पर चिन्हित पैक्स के व्यवसाय विस्तार के लिए प्रोजेक्ट ऋण पत्र वितरित किए गए और किसान क्रेडिट कार्ड का वितरण भी हुआ। सहकारी सम्मेलन में अमित शाह ने सहकारिता आंदोलन को मजबूती देने, डेयरी विस्तार, किसानों की आय बढ़ाने और पैक्स को बहुआयामी सेवाओं से जोड़ने के विजन को साझा किया।

सुपर मार्केट के लिए दिया ऋण
जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक रतलाम द्वारा पैक्स बांगरोद को धर्मकांटा स्थापना के लिये 15 लाख रूपये का प्रोजेक्ट ऋण वितरण और जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मंडला द्वारा पैक्स मेंहदवानी को कोदो-कुटकी की ग्रेडिंग प्लांट स्थापना के लिये 60 लाख रूपये का प्रोजेक्ट ऋण दिया गया।
इसी प्रकार राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम द्वारा पैक्स गोगांवा जिला खरगौन को सुपर मार्केट के लिए 120 लाख रूपये का प्रोजेक्ट ऋण पत्र दिया गया। माननीय केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री @AmitShah जी के राजा भोज की नगरी भोपाल आगमन पर हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन किया।
 
मध्यप्रदेश में कृषि, पशुपालन और सहकारिता तीनों क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। हमें इनका शत प्रतिशत दोहन करने के लिए बहुत कार्य करने की आवश्यकता है। सालों से देश में सहकारी आंदोलन सुस्त पड़ गया था। देश के अलग-अलग राज्यों में सहकारी आंदोलन की स्थिति अलग थी। इसे समृद्ध करने और देश की बदलती हुई परिस्थिति के अनुकूल कानून बदलने के निर्णय नहीं लिए गए। राज्यों में कृषि, पशुपालन और सहकारिता को बढ़ाने का कोई विजन नहीं था। लेकिन देश के दूरदर्शी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी के 75 साल बाद पहली बार सहकारिता मंत्रालय बनाया और इसका पहला मंत्री होने के नाते हमने बीते साढे तीन साल में इस क्षेत्र में बड़े बदलाव किए।
सहकारिता मंत्रालय ने अपना पहला काम किया- कृषि समितियों के लिए आदर्श बायलॉज बनाए और इन्हें राज्यों को भेजा। आज संपूर्ण भारत ने इस मॉडल बायलॉज को स्वीकार कर लिया है। जब आपकी नीयत ठीक हो तो नजीते भी अनुकूल आते हैं। पहले छोटे-मोटे फाइनेंस के कार्य करने वाले पैक्स अब 20 से ज्यादा कार्य कर रहे हैं। पैक्स जल वितरण और सीएससी का कार्य भी करेंगे। 300 से ज्यादा योजनाएं पैक्स के माध्यम से संचालित हो रही हैं। यहां से रेलवे टिकट, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र तक मिल जाता है।

 

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