रेलवे बोर्ड सख्त, वर्क साइट पर लापरवाही बरतने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई

भोपाल
रेलवे बोर्ड ने ट्रैक एवं निर्माण कार्य स्थलों (वर्क साइट्स) पर सुरक्षा मानकों के कड़ाई से पालन के लिए नए सिरे से सख्त निर्देश जारी किए हैं। बोर्ड ने यह कदम हाल के महीनों में मेंटेनेंस एवं कंस्ट्रक्शन साइट्स पर हुए हादसों और ट्रेन के पटरी से उतरने जैसी घटनाओं को देखते हुए उठाया है। रेलवे बोर्ड का कहना है कि इनमें से अधिकांश घटनाओं को यदि निर्धारित प्रोटोकाल और आवश्यक सावधानियों का पालन किया जाता, तो टाला जा सकता था।

बोर्ड ने पाया है कि परमानेंट-वे कार्यों के दौरान कुछ मामलों में सुरक्षा प्रोटोकाल का पालन पूरी तरह नहीं किया गया, जिससे परिचालन सुरक्षा पर खतरा उत्पन्न हुआ। इस पर सख्त रुख अपनाते हुए बोर्ड ने स्पष्ट कर दिया है कि वर्क साइट पर सक्षम रेलवे सुपरवाइजर की मौजूदगी अनिवार्य होगी, और यह सुनिश्चित करना होगा कि कार्य पूरी तरह सुरक्षित तरीके से पूरा हो तथा ट्रेन संचालन में कोई बाधा या खतरा न हो।
 
रजिस्टर हर वर्क साइट पर रहेगा उपलब्ध
निर्देशों में कहा गया है कि पहले से जारी सभी सुरक्षा दिशा-निर्देशों का पालन अनिवार्य है। वरिष्ठ डीईएन-डीईएन सभी कार्य स्थलों की समय-समय पर समीक्षा करेंगे और सुरक्षा तैयारियों की जांच करेंगे। कार्य की प्रगति और गुणवत्ता की निगरानी के लिए ट्रैक के प्रमुख पैरामीटर्स जैसे गेज, क्रास लेवल और वर्साइन को एक साइट रजिस्टर में दर्ज करना अनिवार्य किया गया है। यह रजिस्टर प्रत्येक वर्क साइट पर उपलब्ध रहेगा व डिविजनल इंजीनियर द्वारा इसका नियमित सुपर चेक किया जाएगा।
 
जारी किए ये निर्देश
    कार्यस्थल पर रेलवे सुपरवाइजर की मौजूदगी अनिवार्य।
    वर्क साइट की सुरक्षा के लिए फेंसिंग और स्पीड रेस्ट्रिक्शन का सख्त पालन।
    पर्याप्त व प्रशिक्षित जनशक्ति के साथ सही उपकरणों का उपयोग।
    कार्य समाप्त होने पर ट्रैक की फिटनेस की जांच करना।
    सीमित संख्या में वर्क साइट खोलकर संसाधनों का बेहतर उपयोग कर अधिक प्रगति करना।
    ट्रैक नवीनीकरण कार्य में सभी प्रोटोकाल का पालन।
    डीप स्क्रीनिंग-टीएसआर लोकेशन पर दिन का कार्य समाप्त करने से पहले उचित पैकिंग।
    लंबी रेल पटरियों (एलडब्ल्यूआर) का डि-स्ट्रेसिंग निर्धारित मानकों के अनुसार करना।
    सभी फिटिंग्स सही, पूर्ण व सुरक्षित स्थिति सुनिश्चित करना।
    किसी भी असामान्य परिस्थिति में ट्रैक की सुरक्षा करना और आवश्यकता पड़ने पर ट्रेन रोकना।

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