ट्रंप ने चीन पर टैरिफ की समय सीमा 90 दिन बढ़ाई, फिलहाल 30% टैरिफ लागू

वाशिंगटन
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को चीन के साथ व्यापार समझौते को 90 दिनों के लिए बढ़ा दिया है. इससे कम से कम एक बार फिर दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच फिलहाल टकराव टल गया. ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल प्लेटफॉर्म पर पोस्ट किया कि उन्होंने विस्तार के लिए कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं. समझौते के अन्य सभी तत्व समान रहेंगे. पिछली समय सीमा मंगलवार रात 12:01 बजे समाप्त होने वाली थी.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार (स्थानीय समय) को चीन के टैरिफ की समय सीमा को 90 दिनों के लिए बढ़ाने वाले एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए. सीएनबीसी ने सोमवार को व्हाइट हाउस के एक अधिकारी के हवाले से बताया कि यह निर्णय बीजिंग में मध्य रात्रि की समय सीमा से कुछ घंटे पहले आया. जब पिछले 90-दिवसीय विराम की अवधि समाप्त होने वाली थी. इससे पहले सोमवार को ट्रंप ने कहा था कि वह चीन के साथ बहुत अच्छे से पेश आ रहे हैं क्योंकि बीजिंग ने कहा कि वह सकारात्मक परिणाम चाहता है.
अमेरिका और चीन के बीच व्यापार तनाव बढ़ने का इतिहास रहा है. जहाँ एक-दूसरे के उत्पादों पर टैरिफ निषेधात्मक स्तर तक पहुंच गए हैं. अप्रैल में अमेरिका ने चीनी वस्तुओं पर 145 प्रतिशत का भारी-भरकम टैरिफ लगाया, जबकि चीन ने जवाबी कार्रवाई करते हुए अमेरिकी उत्पादों पर 125 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया.
हालांकि मई में स्विट्जरलैंड के जिनेवा में एक बैठक के दौरान दोनों देश अस्थायी रूप से टैरिफ कम करने पर सहमत हुए. अमेरिका ने अपने टैरिफ 145 प्रतिशत से घटाकर 30 प्रतिशत कर दिए. वहीं चीन ने अपने टैरिफ 125 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिए. लेकिन यह विराम ऐसे समय में आया है जब बातचीत अभी भी जारी है. सोमवार को समय सीमा के बारे में पूछे जाने पर ट्रंप ने कहा, 'देखते हैं क्या होता है. वे काफी अच्छे से काम कर रहे हैं. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और मेरे साथ हमारे रिश्ते बहुत अच्छे हैं.'
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान की ओर से इस संबंध में वक्तव्य जारी किया गया. इसमें कहा गया कि ट्रंप और जिनपिंग के बीच फोन पर बातचीत हुई. दोनों मिलकर काम करेंगे. उन्होंने कहा कि चीन को यह भी उम्मीद है कि अमेरिका समानता, सम्मान और पारस्परिक लाभ के आधार पर सकारात्मक परिणामों के लिए प्रयास करेगा.'
जून में प्रमुख आर्थिक अधिकारियों की लंदन में बैठक हुई क्योंकि मतभेद उभरे और अमेरिकी अधिकारियों ने अपने समकक्षों पर समझौते का उल्लंघन करने का आरोप लगाया. रिपोर्ट के अनुसार नीति निर्माताओं ने पिछले महीने स्टॉकहोम में फिर से बैठक की. हालांकि दोनों देश शुल्कों की बहाली को टालने की कोशिश करते दिख रहे हैं, लेकिन अमेरिकी व्यापार दूत जेमिसन ग्रीर ने पिछले महीने कहा था कि इस तरह के किसी भी विस्तार पर अंतिम निर्णय ट्रंप का होगा.